
पटना ( एम ए न्यूज डेस्क ) बिहार के चर्चित गोपाल खेमका हत्याकांड को पुलिस ने चार दिनों में सुलझा देने का दावा किया है. मामले में शूटर और किंगपिन की गिरफ्तारी हुई है. वहीं एक आरोपी को एनकाउंटर में पुलिस ने ढेर कर दिया. हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाते हुए डीजीपी ने आला अधिकारियों के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी जानकारी दी.
जमीन को लेकर हुई गोपाल खेमका की हत्या
बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि यह मामला 2018 से लेकर अब तक जमीन खरीद बिक्री को लेकर ही जुड़ा हुआ है. 2018 में गोपाल खेमका के पुत्र गुंजन खेमका की हत्या के बाद उन्हें अंगरक्षक मुहैया कराया गया था लेकिन, 2024 में उन्होंने अपना अंगरक्षक वापस कर दिया था. विनय कुमार ने बताया कि सुपारी देने वाला और शूटर दोनों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
एसटीएफ और पटना पुलिस ने एसटीएफ का गठन किया. घटनास्थल पर मिले सुराग और सीसीटीवी सर्विलांस, मोटरसाइकिल की जानकारी और शूटर के हुलिए के आधार पर शहर के सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. जब तक मोटरसाइकिल का पता नहीं चल गया, तब तक एसआईटी की टीम वहां गई. मोटरसाइकिल की पहचान के बाद उसके मालिक की पहचान की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
विनय कुमार, डीजीपी बिहार
अपराधियों ने अपने अपराध कबूले
पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि जो मुख्य शूटर उमेश यादव की गिरफ्तारी हुई है उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. उसके पास से हथियार बरामद किया जा चुका है. उसने पूछताछ में अशोक शाह का नाम लिया है. बताया कि चार लाख में सौदा हुआ था. अशोक शाह ने पहले एडवांस में 50 हजार दिए थे. उमेश यादव ने ही राजा का नाम लिया था, जिससे उसने हथियार लिया था. अशोक शाह ने गोपाल खेमका के पल-पल की जानकारी दी थी.
जब हमने तलाशी शुरू की तो सभी सीसीटीवी चेक किए गए. यह सब करने के बाद हम उस लोकेशन पर पहुंचे जहां आरोपी गया था. जब घर की तलाशी ली गई तो हमें मोटरसाइकिल मिली, और वाहन की नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी. हमने अपराध के दौरान आरोपी द्वारा पहने गए कपड़े, जूते और मास्क बरामद किए हैं.
कार्तिकेय शर्मा एसएसपी पटना
डेढ़ महीने पहले रची गई थी साजिश
सीनियर एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा, घर पर मौजूद एक व्यक्ति (उमेश यादव) को जांच के लिए थाने लाया गया. जांच के दौरान उसने अपराध स्वीकार कर लिया और उसने यह भी कहा कि अपराध में इस्तेमाल किया गया हथियार घर में छिपा हुआ था. तलाशी के दौरान 59 राउंड गोलियां बरामद की गईं. करीब डेढ़ महीने पहले ये साजिश रची गई थी.
5 जुलाई को सुपारी की राशि दी गई
डीजीपी विनय कुमार के प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, आईजी पटना रेंज जितेंद्र राणा, एसपी कार्तिकेय शर्मा, एसपी सेंट्रल दीक्षा मौजूद थी. पटना पुलिस के मुताबिक अशोक साह के पास भारी मात्रा में जमीन के कागजात बरामद हुए हैं. हत्या के दूसरे दिन 5 जुलाई को (मालसलामी थाना जेपी गंगा पथ पर) फिरौती के साढ़े तीन लाख रुपए दिए गए थे. डीजीपी ने बताया कि आगे भी अनुसंधान जारी रहेगा.
हत्या की पूरी इनसाइड स्टोरी समझिए
कहानी शुरू होती है 2018 में, जब हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में एक युवा व्यवसाय की गोली मारकर हत्या हो जाती है. हत्या के बाद बड़ा बवाल मचता है. उस युवा व्यवसाय का नाम गुंजन खेमक था और उसकी हत्या 20 दिसंबर 2018 को हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी जाती है.
चुंकी गुंजन खेमका बड़े व्यवसाय घराने से ताल्लुक रखते थे तो राजनीतिक गलियारे में भी हलचल हो गई, पुलिस महकमा में अफरा तफरी मच गई थी. हालांकि पुलिस ने डेढ़ महीने के बाद अभिषेक कुमार उर्फ मस्तु सिंह और राहुल आनंद उर्फ चीकू को गिरफ्तार कर लिया था. उस समय पुलिस के मुताबिक मस्तु ने अपने गुनाह कबूल भी कर लिए थे ऐसे में पुलिस जांच में आगे नहीं गई. हालांकि कुछ दिनों के बाद मस्तु की हत्या हो जाती है.
बताया जाता है कि वैशाली में 13 बीघा जमीन के एक प्लॉट को लेकर खेमका परिवार से मस्तु की अदावत थी. उसके बाद उस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. लेकिन, कहानी वहीं खत्म नहीं होती है पुलिस ने भले उस केस को बंद कर दिया था क्योंकि, जो मुख्य हत्यारा मस्तु सिंह था वह मारा गया था. अब सात साल बाद गुंजन खेमका के पिता गोपाल खेमका की भी हत्या पटना उनके आवास के गेट पर कर दी जाती है. कहानी जहां से खत्म हुई थी वहां से पार्ट 2 शुरू हुई.
टेंट शामियाने वाले कि हत्या
चुंकी, गुंजन हत्याकांड मुख्य वजह जमीन थी तो, गोपाल खेमका हत्याकांड के पीछे भी जमीन से जुड़ी अदावत ही सामने आ रही है. पुलिस ने आनन-फानन में छापेमारी शुरू कर दी. हत्या के तीन दिन बाद पटना पुलिस ने ताबातोड़ छापेमारी करके अपराधियों को पकड़ना शुरू किया.
गोपाल खेमका हत्याकांड में पहली गिरफ्तारी लोहा कारोबारी अशोक गुप्ता की होती है. पुलिस की पूछताछ और सख्ती के बाद अशोक ने पुलिस के सामने मुख्य शूटर उमेश यादव का नाम ले लिया. जिसे सोमवार को पटना सिटी के मालसलामी इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया. उमेश यादव टेंट-शामियाना का काम करता है. भाड़े पर जनरेटर दिया करता था. उसके घर से एक पिस्तौल और 59 गोलियां बरामद हुई थी.
पुलिस की दबिश
कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, पुलिस दबिश में और भी गिरफ्तारियां हुई. उमेश यादव की गिरफ्तारी के बाद सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने विकास उर्फ राजा का नाम लिया. उसने बताया कि जिस हथियार से उसने हत्या की थी वह राजा से ही लिया था. राजा अवैध हथियार का कारोबार करता है.
पुलिस ने उमेश यादव की निशानदेही पर जब छापेमारी की तो, माल सलामी के पास एक पुराने ईंट भट्ठे में वह छुपा हुआ था. उसने पुलिस पर फायरिंग की और पुलिस ने जवाबी फायरिंग की. जिसमें उसकी मौत हो गई. चार दिन की गहन जांच के बाद एसआईटी और एसटीएफ के संयुक्त टीम ने लगभग इस हत्याकांड का खुलासा कर लिया है. पुलिस सूत्रों की मानें तो, अब तक की जांच में सुपारी किलिंग का मामला सामने आ रहा है और इस पूरे मामले में किंगपिन अशोक गुप्ता शामिल था.
अशोक साव और खेमका दोस्त थे
अब सवाल यह उठता है अशोक गुप्ता और गोपाल खेमका में क्या रिश्ता है? दोनों बिहार के जाने-माने व्यवसायी थे. इनकी पहले दोस्ती थी. गोपाल खेमका का गत्ते का बिजनेस था तो, अशोक गुप्ता लोहे का व्यवसायी है. दोनों ने मिलकर अलग-अलग जगह पर कुछ जमीन खरीदी थे. विवाद यहीं से शुरू हुआ था. उसके बाद दोनों बांकीपुर क्लब के कमेटी में थे.
बताया जाता है कि कमेटी के चुनाव में इन दोनों की लड़ाई हुई थी. कुल मिलाकर तीन-चार बार अशोक गुप्ता और गोपाल खेमका एक दूसरे से भिड़ चुके थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक बांकीपुर क्लब जहां के दोनों मेंबर थे वहीं से इस हत्याकांड की कड़ी खुलनी शुरू हुई थी और अंत में यह कड़ी पटना के सबसे पुराने अपार्टमेंट उदयगिरि के फ्लैट नंबर 601 में जा पहुंची.
फ्लैट नम्बर 601 की कहानी
पटना के सबसे पुराने अपार्टमेंट उदयगिरि एक बार फिर सुर्खियों में तब आया जब यहां से गोपाल खेमका हत्याकांड के किंगपिन अशोक गुप्ता की गिरफ्तारी हुई. अशोक गुप्ता के गिरफ्तारी उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 से की गई. यह अपार्टमेंट पटना के वीआईपी अपार्टमेंट में शुमार है.
वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ ओझा बताते हैं कि बी ब्लॉक के फ्लैट नंबर 601 में 90 के दशक के कुख्यात अपराधी अशोक सम्राट भी रहता था. अशोक सम्राट के एनकाउंटर के बाद बी ब्लॉक के 601 नंबर फ्लैट सुर्खियों में आया था और लगभग तीन दशक के बाद एक बार फिर से यह फ्लैट चर्चा में है.
हालांकि अशोक गुप्ता इस फ्लैट में किराएदार के रूप में रहता है. यह फ्लैट केके झुनझुनवाला के नाम पर रजिस्टर्ड है जो मुम्बई में रहते हैं. अमिताभ ओझा बताते हैं कि अशोक गुप्ता की पत्नी का निधन हो गया है. उसकी बेटी और दामाद फतुआ में रहते हैं. दामाद बड़े गल्ला व्यवसायी हैं. जबकि बेटा पुणे में एक अच्छी नौकरी में है.