
पटना ( एम ए न्यूज ) राजधानी पटना में एक दुष्कर्म पीड़िता के प्रति थाना प्रशासन की गंभीर लापरवाही के आरोपों ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है. कंकड़बाग थाने के थानेदार सहित कई अन्य वरीय पुलिस अधिकारियों पर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया गया है. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में संबंधित थानेदार पर कड़ी कार्रवाई की है. साथ ही चार अन्य थानाध्यक्षों (एसएचओ) को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है.
नप गए लापरवाह पुलिस अधिकारी
दरअसल, एक दुष्कर्म पीड़िता अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए कंकड़बाग थाने में पहुंची थी लेकिन आरोप है कि थानेदार मुकेश कुमार ने उसकी शिकायत दर्ज करने की बजाय उसे दानापुर थाने जाने को कहा. यह कार्रवाई विवादों में घिर गई क्योंकि कंकड़बाग पुलिस के पास जीरो एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान था. बिहार पुलिस मुख्यालय का सख्त आदेश है कि पीड़ित की शिकायत तुरंत दर्जी किया जाये.
पुलिस लाइन भेजे गए थानेदार
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने तत्काल प्रशासनिक कदम उठाए है. कंकड़बाग थानेदार मुकेश कुमार को उनके पद से हटाकर तुरंत पुलिस लाइन भेज दिया गया है. इसके अतिरिक्त अन्य कारणों और शिकायतों के आधार पर चार अन्य थानाध्यक्षों को भी उनके पदों से हटाकर लाइन हाजिर कर दिया गया है.
4 एसएचओ भी हटाए गए
सुल्तानगंज थानेदार मनोज कुमार, पीरबहोर थानेदार अब्दुल हलीम, चौक थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार सिंह और बेऊर थानेदार अमरेंद्र कुमार को हटाए गए अधिकारियों के स्थान पर त्वरित रूप से नए अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. इन पांचों को पुलिस केंद्र (पटना) में नई पदस्थापना मिली है.
इन थानाध्यक्ष का तबादला
बिहटा पुलिस निरीक्षक मो. सज्जाद गद्दी को पीरबहोर का थानाध्यक्ष, पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष कुमार रौशन को सुल्तानगंज, पत्रकार नगर थानाध्यक्ष अभय कुमार सिंह को कंकड़बाग, खुशरुपुर थानाध्यक्ष मनजीत कुमार ठाकुर को चौक थानाध्यक्ष बनाया गया है.वहीं विशिष्ट आसूचना इकाई (पटना) राजीव कुमार को बेऊर थाने का थानाध्यक्ष बनाया गया है
पटना में कानून-व्यवस्था बनी चुनौती
इन कार्रवाइयों के साथ ही पटना में विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को सशक्त बनाने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय ने अन्य जिलों से 11 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को पटना में तैनात किया है. इस सूची में कुछ विवादास्पद नाम भी शामिल हैं. जानकारी के अनुसार एक अधिकारी पर पूर्व में शराब प्रकरण में विभागीय कार्रवाई हुई थी, जबकि दूसरे पर ‘खस्सी पार्टी करने का आरोप लगा था.