पटनावासी हो जाए सावधान ! पटना में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा, सीएम नीतीश ने किया अधिकारियों को अलर्ट

पटना ( एम ए न्यूज डेस्क ) नेपाल और पड़ोसी राज्यों में हो रही भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. वाराणसी में गंगा उफान पर है और उसका असर बिहार की नदियों में देखने को मिल रहा है. राजधानी पटना के सभी गंगा घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. भागलपुर, कहलगांव, मुंगेर में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अलर्ट रहने का दिया निर्देश. वहीं पुनपुन और सोन नदी भी उफान पर है.
मनेर में खतरे के निशान से ऊपर गंगा
केंद्रीय जल आयोग और जल संसाधन विभाग के अनुसार पटना के मनेर में गंगा 55 सेंटीमीटर खतरे के निशान ऊपर बह रही है. वहीं पटना के दीघा घाट में 12 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
गांधी घाट में उफान
गांधी घाट में 70 सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं पटना के हाथीदह में गंगा 56 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
दूसरे राज्यों में बारिश से बुरा हाल
नेपाल और पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में हुई बारिश के कारण इलाहाबाद से लेकर बनारस तक गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है.
सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों को दिया निर्देश
पटना के जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन एस एम ने कहा है कि गंगा के बढ़ते जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पटेल भवन पहुंचकर गृह विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग का निरीक्षण किया था और नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री ने आपातकालीन संचालन केंद्र का भी निरीक्षण किया था और 24 घंटे अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा था.
बिहार में मानसून सक्रिय
बिहार में भी लगातार मानसून सक्रिय है. पटना सहित कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है और इसका असर धान की रोपनी पर भी दिख रहा है. 3 अगस्त तक लगभग 80% धान की रोपनी हो चुकी है, जबकि पिछले साल केवल 67% ही धान की रोकने अब तक हुई थी साथ ही भूजल स्तर भी बेहतर हुआ है.
बूढ़ी गंडक खगड़िया में उफनाई
पटना के गंगा घाटों पर बढ़ते जलस्तर से पटना पर भी खतरा उत्पन्न हो रहा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के अलावे गंडक,
बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला बलान जैसी नदियों में भी जलस्तर बढ़ रहा है. बूढ़ी गंडक खगड़िया में खतरे के निशान से 8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
कहां कितनी हुई बारिश?
पिछले 24 घंटे में कई स्थानों पर 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश रिकार्ड की गई है. श्रीपालपुर में 52.2 मिलीमीटर, गया में 90.2 मिलीमीटर, जयनगर में 90 मिली मीटर, बलतारा में 59 मिली मीटर, लालगंज में 90.8 मिलीमीटर, मोहम्मद गंज में 113 मिलीमीटर, झंझारपुर में 127 मिलीमीटर, बीरपुर में 100 मिलीमीटर, तैयबपुर में 152 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है.
दियारा इलाकों में रतजगा कर रहे लोग
दियारा इलाकों में बुरा हाल है. गंगा का पानी सड़क तक पहुंच चुका है. घरों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. हालात ये है कि लोग रात को जागने को मजबूर है. रतजगा कर लोग डर के साये में जीवन गुजार रहे हैं.
नदियों का बढ़ा जलस्तर
कोसी नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसके अलावा बूढ़ी गंडक, गंडक, कमला बलान और महानंदा जैसी नदियों के जलस्तर में इजाफा हुआ है. बिहार में मानसून लगातार सक्रिय है. साथ ही नेपाल और पड़ोसी राज्यों में हो रही बारिश के कारण बिहार में नदियां उफान पर है. बनारस हो रही लगातार बारिश से बिहार में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है.
बक्सर में बढ़ा गंगा का जलस्तर
बक्सर में दो सप्ताह के अंदर दूसरी बार गंगा का जलस्तर बढ़ा है. जिसके कारण पांच प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी और ब्राह्मपुर के इलाके के दर्जनो गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. घर की छतों पर बैठकर लोग गंगा के रौद्र रूप पर नजर बनाये हुए हैं.
बनारस से बिहार में गंगा का प्रवेश
बता दें कि हरिद्वार से लगभग 800 किमी मैदानी यात्रा करते हु बिजनौर, गढ़मुक्तेश्वर, कन्नौज, कानपुर होते हुए गंगा प्रयागराज पहुंचती है. यहां इसका यमुना नदी से संगम होता है. इसके बाद मोक्षदायिनी नगरी काशी (वाराणसी) में गंगा एक वक्र लेती है, जिससे यहां उत्तरवाहिनी कहलाती है. यहां से मिर्जापुर, गाजीपुर, पटना, भागलपुर होते हुए साहिबगंज पहुंचती है. इस दौरान इसमें बहुत सारी सहायक नदियां जैसे सोन, गंडक, कोसी सरयू आदि मिल जाती है.
बिहार के बक्सर में गंगा का विकराल रूप देखने को मिल रहा है. दरअसल गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 28.77 सेमी ऊपर पहुंच गया है. जिससे दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. ऐसे में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. साथ ही गांवों का मुख्य पथ से संपर्क भी टूट गया है.
आगामी दिनों में गंगा का और बढ़ेगा जलस्तर
बाढ़ नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंगा के जलस्तर में और वृद्धि होगी. जिसके कारण गंगा के तटवर्तीय इलाकों में रहने वाले लोग डर गए हैं. बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों से प्रशासन ने बीमार और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर निकालना शुरू कर दिया है. वहीं, जिला प्रशासन के अधिकारी सभी क्षेत्रों में निगरानी कर रहे हैं.
दर्जनों गांव में घुसा बाढ़ का पानी
बता दें कि चौसा प्रखंड के बनारपुर, बक्सर प्रखंड के जरिगंवा और गोबिनापुर, सिमरी प्रखंड के बेनी लाल के डेरा, तवकल राय के डेरा, श्रीकांत राय के डेरा, गंगौली, कोयलावीर बाबा के डेरा, दली के डेरा, लाल सिंह के डेरा, लक्ष्मीशंकर के डेरा और रामदास राय के डेरा गांव समेत दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. बनारपुर गांव में 5 फीट तक पानी जमा हो गया है. जिससे कई परिवार के लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं.
गंगा का इतना विकराल रूप कई दशक बाद देखने को मिल रहा है. ऐसा लगा रहा है जैसे गंगा सब कुछ बहाकर ले जाना चाहती है. चौसा-मोहनिया स्टेट हाइवे पूरी तरह से बाढ़ का पानी में डूब गया है. जिससे वाहनों का परिचालन बंद कर नाव चलाई जा रही है
ग्रामीण
मुक्तिधाम में जमीन का अभाव
मुक्तिधाम में अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने आ रहे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जमीन का अभाव होने के कारण लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही बाढ़ के कारण लकड़ी से लेकर हर वस्तु की कीमत बढ़ा दी गई है.
क्या कहते हैं दुकानदार?
लकड़ी बेचने वाले स्थानीय दुकानदार अर्जुन ने बताया कि गंगा में आई बाढ़ ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया है. लकड़ी से लेकर घाट किनारे बने आशियानों को गंगा बहाकर ले गई. जिसके कारण लकड़ी की कीमत बढ़ाना मजबूरी है. लकड़ी लेकर कोई गाड़ी वाला आने का नाम नहीं ले रहा है.
अंतिम संस्कार में हो रही परेशानी
रोहतास जिले से अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने पहुंचे श्यामबिहारी राम एवं पप्पू साह ने बताया कि इस समय दाह संस्कार करने में काफी परेशानी हो रही है. इस मुक्तिधाम में सरकार ने बेहतर व्यवस्था की होती तो शायद इस तरह का कष्ट नहीं उठाना पड़ता.
लकड़ी से लेकर दाह संस्कार में उपयोग होने वाली प्रत्येक वस्तु की कीमत में कई गुना वृद्धि हो गई है, जबकि सुविधा के नाम पर केवल कीचड़ और पानी में डूबी हुई लकड़ियां मिल रही हैं.
अंतिम संस्कार करने आए व्यक्ति
बोट से हो रही आवाजाही
जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई कुल 9 बोट से जरूरत पड़ने पर लोगों को लाया और ले जाया जा रहा है. बक्सर अंचल के जरिगंवा गांव के निचले हिस्से में पानी भरने के कारण प्रभावित व्यक्तियों को राहत उपलब्ध कराई गई है. जिला प्रशासन द्वारा गंगा के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.
बक्सर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 28.77 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग के पूर्वानुमान के अनुसार अभी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि होगी और गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 55 से 60 सेंटीमीटर ऊपर बहने का अंदेशा जताया जा रहा है.
अंबिका सिंह जूनियर इंजीनियर बाढ़ नियंत्रण विभाग