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बेऊर जेल से रची गई थी गोपाल खेमका के हत्या की साजिश, पटना पुलिस ने शुरू की छापेमारी मच गया हड़कंप

पटना ( एम ए न्यूज डेस्क ) बिहार के चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में अब एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस जांच में सामने आया है कि इस हत्याकांड की साजिश पटना की बेऊर जेल के भीतर रची गई थी. इसी इनपुट के आधार पर पटना पुलिस ने शनिवार को बेउर जेल में बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू कर दी है.

IG और प्रमंडलीय आयुक्त के नेतृत्व में ऑपरेशन शुरू

इस विशेष ऑपरेशन का नेतृत्व IG सेंट्रल रेंज जितेंद्र राणा और पटना प्रमंडलीय आयुक्त कर रहे हैं. छापेमारी में पटना SSP, तीनों सिटी SP, और दर्जनों थानों की पुलिस टीमों को शामिल किया गया है. सूत्रों के मुताबिक जेल में बंद कुछ संदिग्ध कैदियों ने बाहर के शूटरों को हत्या के निर्देश दिए थे.

कैदियों के सेल की तलाशी, कई गैंगस्टरों पर शक

पुलिस की टीम फिलहाल जेल के अंदर संदिग्ध कैदियों के सेल की गहन तलाशी ले रही है. आशंका जताई जा रही है कि कुछ कुख्यात गैंगस्टरों का इस हत्या में सीधा संबंध हो सकता है. जेल प्रशासन भी इस पूरे मामले में पुलिस को पूरा सहयोग दे रहा है.

घर लौटते वक्त मारी गई थी गोली

गोपल खेमका की हत्या शुक्रवार देर रात की गई थी. वह बांकीपुर क्लब से लौट रहे थे और अपने घर के गेट तक पहुंच चुके थे. तभी बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें टारगेट कर बेहद नजदीक से गोली मारी. खेमका की मौके पर ही मौत हो गई थी.

पिछले मामले से जुड़ सकता है कनेक्शन?

यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि 20 दिसंबर 2018 को गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हत्या कर दी गई थी. हाजीपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी. उस मामले में भी जमीन विवाद और पेशेवर शूटरों की संलिप्तता सामने आई थी. पुलिस अब दोनों हत्याओं के बीच कनेक्शन की भी जांच कर रही है.

क्या निकलकर आएंगे बड़े नाम?

बेउर जेल से हुई इस छापेमारी के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि जांच में और क्या बड़े खुलासे सामने आते हैं. जेल से संचालित होते क्राइम नेटवर्क की पुष्टि होने पर पुलिस जल्द ही कुछ हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां भी कर सकती है.

कब हुई थी गोपाल खेमका की हत्या

बीजेपी नेता और कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या उनके घर के सामने ही अपराधियों ने की. 4 जुलाई 2025 की रात 11 बजे अपराधियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया. 2018 में उनके बेटे गुंजन की भी हत्या हो गई थी. बेटे की हत्या के बाद गोपाल खेमका ने अपना काफी कारोबार समेट दिया था. विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस वारदात ने बिहार को हिला कर रख दिया है.

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